दवा-दुआ कुछ काम ही ना आये ग़म का बादल सर पर मंडराए दवा-दुआ कुछ काम ही ना आये ग़म का बादल सर पर मंडराए
आज संचार माध्यमों की क्रांति की वजह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बहुत से साधन हैं पर कुछ वर्ष प... आज संचार माध्यमों की क्रांति की वजह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बहुत से सा...
आपस में हो जहां , सभी को एक दूजे से प्यार हाँ, उसी को तो कहते हैं परिवार, आपस में हो जहां , सभी को एक दूजे से प्यार हाँ, उसी को तो कहते हैं परिवार,
मुहब्बत मुहब्बत
तुमसे दिल्लगी का बेवफा तुमने क्या खूब सिला दिया।। तुमसे दिल्लगी का बेवफा तुमने क्या खूब सिला दिया।।
उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में। उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में।